कनाडा ने अभी-अभी आम लोगों को प्रत्यक्ष रुप से शासन में भागीदार बनाने का फैसला किया है। एक कनाडाई वेबसाइट के मुताबिक सरकार द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वहां लोगों की सरकारी कामकाज में भागीदारी खत्म हो रही थी। नगर निगम के चुनावों में महज 30 से 40 प्रतिशत तक ही मतदान हो पाता था और राज्य स्तर पर तो यह और भी कम हो रहा था। पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों में कनाडा में होने वाले मतदान का प्रतिशत सबसे कम पहुंच चुका था। सरकार और नेताओं में लोगों का विश्वास काफी कम हो गया था। लोगों ने निर्णय प्रक्रिया में शामिल किए जाने की मांग की थी लेकिन इस मामले में सरकार कभी-कभी लोगों से कुछ सलाह ले लिया करती थी। इससे लोगों का सरकार के प्रति विश्वास कम हो रहा था। इस लोकतांत्रिक कमी के चलते सामाजिक समस्याओं, आर्थिक समस्याओं और पर्यावरण को पहुंच रही हानि से निपटने में मुश्किलें आने लगी थी। इसके अलावा कनाडा के बहु सांस्कृतिक समाज के नागरिकों के बीच सामंजस्य में भी दिक्कतें आ रही थी। चूंकि ये सभी चुनौतिया सामूहिक प्रकृति है इसलिए इसका समाधन भी सामूहिक कार्रवाई से ही संभव है।
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